
सरायकेला। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) ने सरायकेला-खरसावां जिले में अवैध बालू खनन को तत्काल रोकने और पुलिस प्रशासन द्वारा जनता एवं जनप्रतिनिधियों के साथ किए गए कथित अमानवीय व्यवहार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज, 25 नवंबर को JLKM ने उपायुक्त (DC) कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करते हुए DC को एक विस्तृत आवेदन सौंपा।
अवैध खनन और राजस्व क्षति का आरोप

अवैध परिवहन: JLKM के जिलाध्यक्ष दीपक महतो ने आरोप लगाया कि इचागढ़ थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध बालू का परिवहन धड़ल्ले से जारी है।

राजस्व नुकसान: इस अवैध कारोबार के कारण राज्य सरकार को भारी राजस्व क्षति हो रही है।
प्रशासनिक मिलीभगत: JLKM का दावा है कि संबंधित विभागों की चुप्पी यह दर्शाती है कि यह अवैध कारोबार प्रशासनिक मिलीभगत का परिणाम है।
सरकारी डेटा का हवाला: आवेदन में कहा गया है कि झारखंड सरकार की वेबसाइट के अनुसार, सरायकेला-खरसावां जिले के सभी बालू घाट वर्तमान में ‘Lapse’ (अवैध) श्रेणी में हैं, फिर भी रात में बड़े-बड़े हाईवा बालू ढोते देखे जा रहे हैं।
जनप्रतिनिधि पर बर्बरता का गंभीर आरोप
JLKM ने 18 नवंबर की एक घटना का विशेष उल्लेख किया, जिसमें:
जनप्रतिनिधि तरुण महतो ग्रामीणों के साथ लगभग 100-150 अवैध बालू लदे हाईवा को रोकने में पुलिस की मदद करने गए थे।
इसके बावजूद, पुलिस प्रशासन ने तरुण महतो को बिना किसी आधार के रात में थाने ले जाकर नंगा कर बेरहमी से पीटा।
उन पर झूठा मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया।
JLKM ने इस कार्रवाई को “सार्वजनिक रूप से गलत और निंदनीय” बताते हुए सवाल उठाया है कि यदि जनप्रतिनिधियों के साथ ऐसी बर्बरता हो सकती है, तो आम जनता की सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जाए?
JLKM का धरना-प्रदर्शन और चेतावनी
JLKM कार्यकर्ताओं ने DC कार्यालय के समक्ष शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की। पार्टी ने चेतावनी दी है:
“यदि जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो JLKM के केंद्रीय अध्यक्ष एवं डुमरी विधायक जयराम महतो के नेतृत्व में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।”
JLKM की मुख्य मांगें:
अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।
जनप्रतिनिधियों के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार की जांच हो।
निर्दोष तरुण महतो तथा अन्य ग्रामीणों को न्याय मिले।
JLKM ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
क्या आप सरायकेल-खरसावां प्रशासन या पुलिस की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया खोजना चाहेंगे?
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