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नेपाल रवानी मेमोरियल हाई स्कूल में शहीद नेपाल रवानी का जयंती समारोह सम्पन्न।।   

Byadmin

Nov 16, 2025

 

केंदुआ।नेपाल रवानी मेमोरियल हाई स्कूल गोधर के प्रांगण मे अखिल भारतवर्षीय चन्द्रवंशी क्षत्रिय महासभा के तत्वाधान में जिला अध्यक्ष विनोद रवानी की अध्यक्षता एवं महासचिव संतोष रवानी के संचालन मे शहीद नेपाल का जयंती समारोह आयोजित की गई।

कार्यक्रम में उपस्थित चन्द्रवंशी परिवार के सदस्य एवं गणमान्य ने शहीद नेपाल रवानी के चित्र पर पूष्प अर्पण एवं माल्यार्पण किए और श्रद्धांजलि सभा में शहीद नेपाल रवानी के कार्य एवं विचार पर प्रकाश डाले । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में झामुमो के धनबाद जिला उपाध्यक्ष अजय रवानी ने बताया कि नेपाल बाबु जैसे महापुरुष विरले ही समाज में जन्म लेते हैं । 16 नवंबर 1955 ई० को नेपाल बाबू के जन्म से झारखंड की भूमि गौरवान्वित हुई थी । मोही रवानी एवं कल्याणी देवी के यह द्वितीय सुपुत्र थे ।उनमें तीव्र बुद्धि, दृढ़ता इच्छा और उच्च चरित्र का त्रिगुणात्मक संयोग था !

लग्न, दृढ़ता और असीम कष्ट सहने की शक्ति उनमें विद्यमान थी । परन्तु उनका अंतर्मन संवेदनशील था । गोधर की निरीह जनता दबंगों के अत्याचार से अस्त थी, उस वक्त दबंगों, और सूदखोरों का दबदबा था, हुकुमत चलती थी । शोषण और अत्याचार पुरे गोधर क्षेत्र में चरम सीमा पर था, आम जनता इससे मुक्ति चाहती थी । उसी समय शहीद नेपाल रवानी का प्रादुर्भाव राजनीति एवं सामाजिक क्षेत्र में हुआ । “उन्होंने कोयलांचल के ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे जुल्मों के खिलाफ लोगों को संगठित करना प्रारंभ किया ।

अपनी अद्भूत संगठनात्मक शक्ति का परिचय देते हुए लाल-हरा झंडा का संयुक्त नेतृत्व में आन्दोलन को धारदार बनाया था । और दो दशकों से चली आ रही दबंगों और सुदखोरों के खिलाफ अन्याय के विरुद्ध मोर्चा खोल उसने आम जनता को निजात दिलाया ।जिला अध्यक्ष विनोद रवानी ने बताया कि चंद्रवंशी समाज के उत्थान में शाहिद नेपाल रवानी को आज भी दी जाती है सभा की एक मिसाल । शहीद नेपाल रवानी ने अपने मृत्यु काल तक चंद्रवंशी समाज के उत्थान के लिए अनेकों आंदोलन किये, इनकी सोच यह थी कि समाज में व्यापत नशाखोरी को दूर करना चाहिए ! इन्होंने सन 1989 ई0 में धनबाद के गोधर मैदान में समाज की विशाल सभा आयोजित की थी जिसमें हजारों समाज के लोग उपस्थित हुए थे जो आज भी इस सभा की एक मिसाल दी जाती हैं,।

अपने जीवनकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण काम किए, जिससे उन्हें एक आर्दश के तौर पर याद किया जाता है । उन्होंने एक समाज सुधारक के रुप में भी अपनी महती भूमिका निभाई । शिक्षा के साथ साथ सामाजिक संस्कृति को आगे बढ़ाने में भी उनका अहम योगदान रहा है । नेपाल बाबू के संकल्पों के अनुरूप समाज की अस्मिता को बचाने और उसे आगे बढ़ाने के लिए उनके दिखाए मार्ग पर चलना आवश्यक है ।

अखिल भारतवर्षीय चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा के महासचिव संतोष रवानी ने बताया कि स्वार्थ में अंधे मनुष्य को न आगे दिखता है न ही पीछे, वो 25 फरवरी 1990 की काली अन्धेरी रात 60-70 के दशक में ज़ुल्म और अन्याय के साथ -साथ शोषण दमन और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले गोधर की धरती के वीर सपूत नेपाल रवानी जी को उसी 25 फरवरी 1990 काली अंधेरी रात में दुश्मन अपना स्वार्थ साधने के लिए बड़ी ही बर्बरता पूर्वक गोली मारकर उनकी निर्मम हत्या कर दी गयी । इस हृदय विदारक घटना सुनकर संपूर्ण झारखंड कराह उठा । जनता की नेत्रों ने उन्हें अजस अश्रु धारा से उन्हें अर्ध्य दिया, पर हृदय में से उठती आवाज रुक ना सकी । लोग कहने लगे कि अब कौन रास्ता दिखाएगा ।

क्षेत्र की कमर टूटी पर अजर अमरों की यह भूमि धैर्य और सांत्वनाओं के सहारे धीरे-धीरे फिर ऊपर उठी, संभली और आगे बढ़ने के लिए कदम बढ़ाए ।समाजसेवी एवं शिक्षक सुधीर रवानी ने बताया कि शिक्षा ही वह हथियार हैं, जिससे हर अन्याय और पाप का विनाश किया जा सकता है” शहीद नेपाल रवानी ने समाज में व्याप्त कुरितियों का घोर विरोध किया । बाल विवाह, बहु विवाह, जुआ, दहेज प्रथा, शराब खोरी, अंधविश्वासी आदि कुरितियों को नष्ट करने का आह्वान किया । उनका मानना था कि इन सब कुरितियों का जड़ अशिक्षा है । इसलिए समाज में लोगों को जागृत करने के लिए शिक्षा पर विशेष जोर दिया,, नेपाल बाबु झाखण्ड के लौह पुरुष के नाम से प्रसिद्ध हैं । वे हमेशा झारखंडियों को शिक्षित करने के लिए प्रेरित करते थे । उनका कहना था कि घर का पुरुष यदि शिक्षित होता हैं

तो वह अपने जीवन काल को सार्थक बना लेता हैं । लेकिन घर की महिलाएं अगर शिक्षित होती हैं, तो आने वाली सात पिढ़ियों का विकास कर देती हैं, इसीलिए महिलाओं की शिक्षा में भागीदारी अधिक होने से ही झारखंड और यह देश तरक्की की सीढ़ियां चढ़ेगा । शिक्षा ही वह हथियार हैं, जिससे हर अन्याय और पाप का विनाश किया जा सकता हैं ।सैलूट तिरंगा के प्रवक्ता विनोद कुमार रवानी ने बताया कि आज पूरे झारखंड में शहीद नेपाल रवानी की बलिदान नई दिशा,आयाम एवं जागृति प्रदान की है

शहीद नेपाल रवानी ने अपना बलिदान देकर समर्पण की जो दीपशिखा प्रज्वलित की है वह झारखंड के संपूर्ण किसान, छात्र, नौजवान, गरीब, असहाय, असंगठित मजदूरों को मुक्ति का मंत्र बतलाती रहेगी । उन्होंने अपनी शहादत देकर संपूर्ण कोयलांचल की धरती पर निवास करने वाले लोगों को नई दिशा,आयाम एवं जागृति प्रदान की है, जो सर्वदा अमर रहेगी ।

झारखंड मुक्ति मोर्चा धनबाद जिला उपाध्यक्ष अजय रवानी, महासभा जिला अध्यक्ष बिनोद रवानी,,छोटन रजक ,तारगा पंचायत मुखिया प्रतिनिधि कैलाश रवानी, जिला परिषद 16 के पूर्व प्रत्याशी नरेश रवानी, धनबाद नगर निगम वार्ड 45 प्रतिनिधि रबि रवानी, युवा रक्त संघ छोटानगरी तेतूलमारी के अध्यक्ष सह संस्थापक नागेन्द्र रवानी, महासभा जिला कोषाध्यक्ष अजय रवानी,

जिला सचिव बैजनाथ रवानी, आजीवन सदस्य -परशुराम रवानी, मनोज सिंह, चित्रन्नदन सिंह खगेन्द्र रवानी, अशोक कुमार , पूर्व जिला अध्यक्ष श्रवण कुमार,पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधीर रवानी, गोबिंद प्रसाद रवानी, पूर्व झारखंड प्रदेश युवा उपाध्यक्ष शक्ति रवानी,बाघमारा प्रखंड अध्यक्ष नन्दलाल रवानी, बाघमारा प्रखंड संयुक्त सचिव मुकुटधारी रवानी, खरीकाबाद से राजू रवानी, बौआकला से दिलीप रवानी,अघनु रवानी, कृष्ण चन्द्र रवानी,

विवेक कुमार रवानी, विकास रवानी,मान्द्रा से मनोज रवानी, राजेन्द्र रवानी, पिपराटांड से दिलीप रवानी,हरिणा से सोनु कुमार रवानी, निरसा से आकाश रवानी, छोटा नगरी से धनराज रवानी,झरिया से जितेन्द्र रवानी, सुभाष कुमार रवानी , पार्षद प्रतिनिधि राम कुमार राम , रोहित महतो , इत्यादि सैकड़ो गणमान्य लोग उपस्थित थे


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