
बोकारो थर्मल
डीवीसी सप्लाई मजदूरों ने संयुक्त मोर्चा के बैनर तले चरणबद्ध आंदोलन के तहत टूलडाउन, डीवीसी टेक्निकल बिल्डिंग समक्ष परियोजना प्रधान कार्यालय के बाहर आक्रोश प्रदर्शन एवं जम कर नारेबाजी किया गया। गुरुवार को सप्लाई मजदूरों ने स्थाई कर्मचारियों के समान प्रीपेड स्मार्ट मीटर को पोस्ट पेड में परिवर्तित करने, बिजली भत्ता देने, बिजली बिल वेतन से
कटौती करने के संबंध में संचालन एवं संपोषण और असैनिक विभाग के अंतर्गत लबे समय से स्थाई प्रकृति कार्य में लगातार संलग्न सभी सूचिबद्ध सप्लाई मजदूरों में से कुछ सप्लाई मजदूरों का प्रबंधन द्वारा रिक्तियों में निर्धारित कोटा के अनुसार समय-समय पर स्थाईकरण किया गया है। शेष सप्लाई मजदूर भी स्थाईकरण के हकदार हैं। इसलिए लंबे समय से स्थाई कर्मचारियों के साथ सप्लाई मजदूरों का भी त्रिपक्षिय समझौता के माध्यम से वेतन एवं भत्ता पुनद्दीक्षित किया जाता रहा है, जिसका उल्लेख वर्ष 2019 में संपन्न त्रिपक्षिय संगीता में भी है।
परंतु प्रबंधन ने समझौते की कंडिका 03 (61) के अनुरून बेहतर ईलाज हेतु सुपर हॉस्पिटल की सुविधा 6 वर्ष बाद भी लागू नहीं कर त्रिपक्षीय समझौता का उल्लंघन किया है तो दूसरी ओर प्रबंधन स्थाई कर्मचारियों को एआईएस (इंसेंटिव) भुगतान कर अपनी निति में भेदभाव कर रखी है, पिछले वर्ष यह देखने को भी मिला। परंतु इस वर्ष तो स्थाई कर्मचारियों के सामान सप्लाई मजदूरों को भी एआईएस (इंसेंटिव) का भुगतान हो ही जाना चाहिए। लेकिन अत्यंत दुखद है कि विदगत दिनों डीवीसी के आवासीय परिसर में बिजली का प्रीमेड स्मार्ट मीटर लगाने के साथ स्थाई कर्मचारियों को ऊर्जा भत्ता प्रदान किया गया है

परंतु सप्लाई मजदूरों को कर्जा भत्ता का लाभ से वंदित रखा गया है। साथ ही ऊर्जा शुल्क के रूप में मूल वेतन का एक फीसदी वेतन से अधिकतम कटौती के बावजूद भी स्मार्ट मीटर स्थापित करने की तिथि से विलंबित भुगतान के साथ बिजली बिल भुगतान एवं मीटर रिचार्ज करने हेतु बाध्य किया जा रहा है। सप्लाई मजदूरों का बिजली काट कर मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, प्रबंधन की इस दोहरी नीति से मजदूरों में काफी आक्रोश है और कभी भी औद्योगिक श्रम शांति भंग हो सकती है। संयुक्त मोर्चा के महासचिव नवीन पाठक ने कहा कि स्थाई कर्मचारियों के समान सप्लाई मजदूरों को ऊर्जा भत्ता दिया जाए, मासिक बिजली बिल का भुगतान वेतन से कटौती कर लिया जाए अन्यथा बिजली शुल्क एवं मुगतान की व्यवस्था पूर्ववत ही रखा जाय। बिजली का बिल अद्यतन वेतन से कटौती किया गया है, इसलिए स्मार्ट मीटर के अनुसार बताया जा रहा।

अद्यतन बिजली
बिल निरस्त किया जाए। डीवीसी ठेका मजदूर संघ के संजय मिश्रा ने कहा कि उपरोक्त मांग का निष्पादन होने तक अनैतिक रूप से बिजली काटना बंद किया जाए। स्थाई कर्मचारियों के सामान सप्लाई मजदूरों को भी प्रतिवर्ष इंसेंटिव का भुगतान किया जाए। सप्लाई मजदूरों को शीघ्र ही बेहतर इलाज हेतु सुपर हॉस्पिटल की सुविधा उपलब्ध कराया जाए।
आंदोलन में मुख्य रूप से डीवीसी ठेका मजदूर संघ के संजय मिश्रा, यूसीडब्लूयू से नवीन कुमार पाठक, असीम तिवारी, झारखंड श्रमिक संघ से गणेश राम, रीतलाल महतो, विष्णु गोस्वामी, जहरु हांसदा, हिंद मजदूर किसान यूनियन से नागेश्वर महतो, सरजू ठाकुर,
असंगठित मजदूर मोर्चा से रघुवर सिंह, रजक अंसारी, सुनील पांडे, बंकिम चंद राय, लाल बच्चन यादव, संजय मुखर्जी, एसके पांडा, बच्चू घांसी, धनेश्वर महतो, अशोक महतो, परमानंद सिंह, एस कुंडू, हरेराम यादव, बैजनाथ महतो, मदन डे, सरजू राम, रामचंद्र राम, संजय बरनवाल सहित अन्य कई सप्लाई मजदूर उपस्थित रहे।
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