
पटना/मोकामा: बिहार की राजनीति में उस वक्त हड़कंप मच गया जब मोकामा विधानसभा क्षेत्र में गुरुवार (30 अक्टूबर) को जनसुराज के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के काफिले पर जानलेवा हमला हुआ। इस सनसनीखेज घटना में पीयूष प्रियदर्शी के चाचा दुलारचंद यादव की गोली लगने से दर्दनाक मौत हो गई। इस वारदात ने न केवल मोकामा की स्थानीय राजनीति में उबाल ला दिया है, बल्कि बिहार के चुनावी माहौल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
*गोलीबारी की घटना और आरोपों का घेरा*

घटना घोसवरी थाना क्षेत्र की बताई जा रही है। जनसुराज के कार्यकर्ताओं और प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के मुताबिक, पीयूष प्रियदर्शी का काफिला मोकामा से गुजर रहा था। आरोप है कि काफिले में आगे चल रही गाड़ियों में बाहुबली नेता अनंत सिंह की गाड़ी शामिल थी।

कार्यकर्ताओं का दावा है कि अचानक अनंत सिंह के समर्थक गाड़ियों से उतरे और लाठी-डंडों के साथ-साथ हथियारों से प्रियदर्शी के काफिले पर हमला कर दिया।
इसी अफरातफरी और झड़प के दौरान गोली चली, जो सीधे दुलारचंद यादव को लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
*जनसुराज ने बताया ‘राजनीतिक साजिश’*
इस हमले के बाद इलाके में भारी तनाव फैल गया है। खबर मिलते ही भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। पुलिस ने अब तक कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और मामले की छानबीन में जुट गई है।
उधर, जनसुराज पार्टी ने इस पूरे हमले को ‘राजनीतिक साजिश’ करार दिया है। पार्टी नेताओं ने सीधे तौर पर सत्ताधारी गठबंधन और प्रशासन पर सुरक्षा में घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
जनसुराज के नेताओं का कहना है कि उनके उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी को चुनावी मैदान से हटाने के लिए जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और प्रशासन बड़े राजनीतिक दबाव में कार्रवाई में ढिलाई बरत रहा है।
जनसुराज के प्रवक्ता ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “हमारे प्रत्याशी का काफिला शांतिपूर्वक तरीके से चल रहा था। अनंत सिंह के समर्थकों ने बिना किसी उकसावे के, सुनियोजित तरीके से हमला किया। यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर किया गया हमला है।” उन्होंने जोर देकर मांग की है कि इस गंभीर मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और घटना के पीछे के असली साजिशकर्ताओं सहित सभी दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
यह घटना बिहार के इस चुनाव को और अधिक हिंसक और संवेदनशील बना रही है, जिसके बाद चुनाव आयोग पर भी स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ गया है। पुलिस फिलहाल मामले की विस्तृत जांच कर रही है और घोसवरी थाना क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
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