
नवीनगर से संदीप कुमार की रिपोर्ट
नवीनगर उदयमान सूर्य को अर्घ्य देते ही चार दिनों तक चलने वाले आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो गया। मंगलवार की अहले सुबह शहर के पुनपुन नदी घाट पर उदयमान भगवान सूर्य को व्रतियों ने अर्घ्य देकर मनोकामना की।नदी घाटों पर अहले सुबह से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरु हो गया। मन्नत पूर्ण होने पर कई व्रतियों ने रास्ते में दंडवत करते हुए पुनपुन नदी घाट तक पहुंचे।

नदी किनारें काफी देर तक पूजा अर्चना के बाद सूर्य का अर्घ्य दिया गया और प्रसाद बांटे गए।इस दौरान श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला।पारंपरिक छठ गीतों …मारबउ रे सुगवा धनुष से …कांच की बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए… होख न सुरुज देव सहइया… बहंगी घाट पहुंचाए…से पूरा शहर भक्तिमय हो गया। धार्मिक मान्यता है कि छठ महापर्व में नहाए-खाए से पारण तक व्रतियों पर षष्ठी माता की कृपा बरसती है। नदियों के किनारे श्रद्धालु आस्था के सैलाब में डूबे नजर आए, लोग भक्ति भाव में डूबकर छठ का महापर्व मनाते हुए नजर आए। यह एक ऐसा पर्व है जिसमें उगते सूरज के साथ-साथ डूबते सूरज की भी पूजा की जाती है।

जिस तरह डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर भक्तों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी इसी प्रकार सुबह होते ही भगवान भास्कर की पूजा अर्चना के लिए लोग घाटों पर मौजूद थे। घाटों के किनारे आस्था का रंग और छठ का छटा दिखाई दी। अर्घ्य देने के बाद लोगों ने पूजा-अर्चना की और अपने घरों की ओर लौट गए।
घर पहुंचकर व्रतियों ने पारण किया। इधर, सुरक्षा के लिए नवीनगर थानाध्यक्ष मृतंजय कुमार उपाध्याय दलबल के साथ छठ घाटों का निरीक्षण करते रहे।वहीं सभी चौक-चौराहो व घाटों पर पुलिस बल तैनात किया गया था। वही व्रतियों की सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने में छठ पूजा सेवा दल समिति,मातृभूमि नव निर्माण युवा संघ भी पूरी निष्ठा के साथ लगी रही ताकि श्रद्धालुओ को किसी प्रकार का दिक्कत न हो सके। वही जगह जगह स्वयंसेवी संगठनो के द्वारा निशुल्क चाय और पानी की व्यवस्था की गई।
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