

संवाददाता अंतर्कथा केरेडारी बालमुकुंद दास
केरेडारी ऋत्विक कोल खनन माइनिंग मनमानी से जोरदाग गांव ग्रामीणों के साथ हक अधिकार को लेकर एक जुए की तरह खेल खेला जा रहा है, जो कि वर्तमान में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है, ऋत्विक कोल खनन माइनिंग के द्वारा रैयत के जमीन, स्कूल, मूलभूत जैसे अचानक कब्जा करना डराना विस्थापितों को हक अधिकार छिनना यह संवैधानिक तौर पर बिल्कुल गलत है, जोरदाग गांव के ग्रामीण विस्थापित के बयान के मुताबिक ऋत्विक कोल खनन माइनिंग कम्पनी के द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई थी जो कि जोरदाग स्कूल को कंपनी तोडना चाहते थे, उस स्कूल में लगभग तीन सौ बच्ची पढ़ती थीं,उसी समय अपने हक अधिकार को लेकर ग्रामीणों ने आवाज को बुलंद किया, और विस्थापित को लेकर टाइगर प्रमोद कुमार ने गांव के ग्रामीण के महिला पुरूष के साथ हक अधिकार को लेकर कदम से कदम मिलाकर बढ़ा, उसी समय ऋत्विक कंपनी के द्वारा चुनिंदा बनाकर टाइगर प्रमोद कुमार जयनारायण महतो अभिषेक राणा

दिलीप साव नारायण साव मुकेश ठाकुर को इन सभी साथियों के झूठा मुकदमा बनाकर जेल में डाल दिया गया!

जो इन सभी साथियों को (25 ) पच्चीस अगस्त को जेल भेजा गया था , जिसमें 25 पच्चीस सितम्बर को
टाइगर प्रमोद कुमार दिलीप साव नारायण साव मुकेश ठाकुर जेल बाहर आए, इन्होंने बयान के मुताबिक यह बताया कि हमारी हक अधिकार की लड़ाई ,निष्पक्ष तरीके से आंदोलन जारी रहेगा! सभी महिला पुरूष अपनी अपनी निष्पक्ष तरीके से बातों को रखा जो कि हमलोगों को मांगें जायज हैं! वार्ड सदस्य सुरेश कुमार समाजसेवी रणजीत कुमार रजक फुनेशवर रजक संतोष कुमार साहू पप्पू प्रजापति छोटेलाल कुमार साव प्रदीप साव अशोक साव उमेश कुमार तापेश्वर कुमार बिलासो देवी रानू कुमारी चिंता देवी निर्मला देवी ममता देवी फूलमती देवी अनीता देवी गुड़िया देवी सभी महिला पुरूष उपस्थित थे!
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