

दरभंगा, 10 अगस्त, 2025 – दरभंगा में आज डीएमसी नर्सिंग कॉलेज के छात्र राहुल मंडल की कथित सुनियोजित हत्या के विरोध में विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने एकजुट होकर न्याय की मांग करते हुए एक विशाल कैंडल मार्च और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। यह घटना जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है, अब एक बड़े जनांदोलन का रूप ले रही है।
कैंडल मार्च की शुरुआत अल्लपट्टी चौक से हुई और यह शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए कर्पूरी चौक पर समाप्त हुआ। मार्च में शामिल सैकड़ों लोग अपने हाथों में मोमबत्तियाँ लिए हुए थे और ‘राहुल मंडल को न्याय दो’ के नारे लगा रहे थे। इस मार्च का आयोजन अखिल भारतीय धानुक महासंघ और महानगर राष्ट्रीय जनता दल, भाकपा (माले), महिला संगठन ऐपवा और बसपा जैसे राजनीतिक संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि राहुल मंडल की हत्या एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, जिसमें नर्सिंग कॉलेज प्रशासन भी शामिल है। मार्च के दौरान, वक्ताओं ने इस घटना को एक ‘संस्थागत हत्या’ करार दिया और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि एक होनहार छात्र की इस तरह से जान जाना न केवल उसके परिवार के लिए एक त्रासदी है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ा नुकसान है।

प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं। उनकी पहली और सबसे प्रमुख मांग थी कि हत्याकांड में नामजद सभी अभियुक्तों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने डीएमसी नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या गुड़िया रानी को तुरंत निलंबित करने और उनकी भूमिका की गहन जांच करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि प्राचार्या की संलिप्तता के बिना यह घटना संभव नहीं थी, इसलिए उन्हें भी इस मामले में नामजद अभियुक्त बनाया जाना चाहिए।
इसके अलावा, विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए कुछ और ठोस कदम उठाने की मांग की। उन्होंने सरकार से मांग की कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। साथ ही, परिवार को उचित सुरक्षा और पर्याप्त मुआवजा दिया जाए ताकि वे इस त्रासदी से उबर सकें।
एक और महत्वपूर्ण मुद्दा जो इस मार्च में उठाया गया, वह था पुलिस-प्रशासन द्वारा निर्दोष छात्रों पर झूठे आरोप लगाकर दर्ज किए गए मुकदमे। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि जिन छात्रों ने इस घटना के विरोध में अपनी आवाज उठाई, उन पर से सभी मुकदमे तुरंत वापस लिए जाएं। उनका कहना था कि छात्रों का विरोध न्याय के लिए था, न कि किसी आपराधिक मंशा से।
मार्च में गंगा मंडल, डॉ. अमरजी मंडल, अमित मंडल, सुनील मंडल, दिलीप मंडल, रासलाल मंडल, संजय मंडल जैसे सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता शामिल थे। महिला संगठनों की ओर से रानी सिंह, साधना शर्मा और शनिचरी देवी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और कहा कि महिलाओं को भी इस लड़ाई में राहुल मंडल के परिवार के साथ खड़ा होना चाहिए।
इस कैंडल मार्च ने स्पष्ट कर दिया है कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक राहुल मंडल को न्याय नहीं मिल जाता। ‘हर जुल्म का एक जवाब, इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा गूंजता रहा और यह मार्च न्याय पसंद और प्रगतिशील विचारों को मानने वाले लोगों की एकजुटता का प्रतीक बन गया। यह देखना बाकी है कि प्रशासन इन मांगों पर क्या कदम उठाता है।
There is no ads to display, Please add some





Post Disclaimer
स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com