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भारतीय भाषा समर कैंप 2025: एक सफल आयोजन

Byadmin

May 27, 2025

क्रिसेंट इंटरनेशनल स्कूल, धनबाद में सीबीएसई और एनसीईआरटी के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत भारतीय भाषा समर कैंप 2025 का सफल आयोजन 20 मई से 27 मई तक किया गया। इस विशेष शिविर का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय भाषाओं की विविधता, सांस्कृतिक समृद्धि और संवाद कौशल से जोड़ना रहा। इस सप्ताहभर चले कैंप में लगभग 200 छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से न केवल नई भाषाओं की बुनियादी समझ विकसित की, बल्कि कला, संस्कृति, खेल और रचनात्मकता में भी अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।

 

शिविर की शुरुआत 20 मई को चित्रकला और ड्राइंग गतिविधि से हुई, जहाँ विद्यार्थियों ने अपनी कल्पनाओं को रंगों के माध्यम से व्यक्त किया। 21 मई को कला एवं शिल्प गतिविधियों के अंतर्गत बच्चों ने आकर्षक हस्तशिल्प वस्तुएं तैयार कीं। 22 मई को खेल दिवस मनाया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और टीम भावना, अनुशासन और शारीरिक फिटनेस का परिचय दिया। 23 मई को संवाद एवं भाषा सत्र में विद्यार्थियों ने विभिन्न भारतीय भाषाओं में परिचय, अभिवादन और छोटे संवादों का अभ्यास किया, जो शिविर के उद्देश्य का केंद्र रहा।

 

24 मई को संगीत एवं नृत्य दिवस के रूप में मनाया गया, जहाँ विद्यार्थियों ने पारंपरिक धुनों और लोकनृत्यों के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक एकता का जीवंत प्रदर्शन किया। 26 मई को फायरलेस कुकिंग सत्र के तहत छात्रों ने बिना गैस या आग के पौष्टिक व्यंजन तैयार किए, जिससे उनमें जीवन कौशल और रचनात्मकता का विकास हुआ। अंततः 27 मई को समापन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागी छात्रों द्वारा प्रस्तुतियों के साथ पूरे सप्ताह की झलक साझा की गई और प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

 

इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक श्री इसा शमीम ने कहा, “हम अपने छात्रों की रचनात्मकता और भाषाई कौशल को देखकर अत्यंत गर्व महसूस कर रहे हैं। यह समर कैंप छात्रों को भारतीय भाषाओं की ओर आकर्षित करने का एक सफल प्रयास रहा है।”

 

प्राचार्या श्रीमती विजेता दास ने कहा, “यह शिविर केवल एक शैक्षिक गतिविधि नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक यात्रा थी। मैं उन सभी शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों की सराहना करती हूं जिन्होंने इसे इतने भावपूर्ण और सफल रूप में संपन्न किया।”

 

यह समर कैंप बच्चों के लिए न केवल सीखने का अवसर रहा, बल्कि “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को आत्मसात करने का एक जीवंत अनुभव भी रहा। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि भाषाएं केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं, बल्कि एकता, सांस्कृतिक पहचान और गर्व का आधार हैं।


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