

लखीसराय – सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद है इसको लेकर लोगों को कहीं ना कहीं परेशानियां झेलनी पड़ेगी खास तौर पर सुदूर इलाके के लोगों को जिनकी आज सरकारी अस्पताल ही होता है हालांकि चानन प्रखंड में पढ़ने वाले कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में जाने के बाद लोगों से जानकारी ली गई तो उन्हें यह भी जानकारी नहीं है की ओपीडी क्या होता है हालांकि डॉक्टर अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि जब ऊपर से ही चार दिनों के लिए ओपीडी बंद है तो हम लोग इसमें कुछ भी नहीं कर सकते हैं, हालांकि ओपीडी बंद होने से लोगों को काफी परेशानियां भी होगी पर जो लोग लाचार हैं जिनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है उनका इलाज हम लोग इमरजेंसी के तौर पर कर रहे हैं। ये सच है कि सुदूर इलाके के लोगों को परेशानी होगी लेकिन इसमें सरकार को भी समझना चाहिए और सोचना चाहिए कि डॉक्टर की सुरक्षा किस तरीके से हो उन्हें डॉक्टर का मान सम्मान के बारे में भी सोचना चाहिए। लोगों को भी सोचना चाहिए कि हम आपके लिए रात दिन सेवा करते हैं जी जान लगा देते हैं। लेकिन जब कोई मरीज मर जाता है तो लोग लाठी डंडा चलाने लगते हैं उसके बाद जिलाधिकारी भी कहेंगे की सबसे पहले इस डॉक्टर को ही अंदर करो। यहां कौन फिजिशियन है, कौन एफआरसीएस है, कौन सर्जन है, कौन हार्ट के हैं उससे किसी को कोई मतलब नहीं होता। किसी भी अस्पताल में जितने भी लोग आते हैं उनकी सेवा तमाम डॉक्टर तो करते ही हैं चाहे वह किसी भी प्रकार का डॉक्टर हो अब चाहेवआयुष हो एमबीबीएस हो एम सी एच हो एम एस हो पर कोई इसकी समझ आम लोगों को नहीं होती है। बहुत सारे लोग जो गिरकर किसी स्थिति में आते हैं तो इनमें से सब लोग तो बच ही नहीं जाते हैं ऐसा तो नहीं होता है लेकिन स्थिति जब खराब हो जाती है और रोगी की मौत हो जाती है तो लोग डॉक्टर पर ही हावी हो जाते हैं। कुछ लोगों की कैजुअल्टी भी होती है कुछ लोग खराब भी हो जाते हैं उस समय लोग डॉक्टर को बांधते हैं, मारते हैं, पीटते हैं, डंडा चलाते हैं, कानूनी कार्रवाई भी करते हैं तो यह गलत हो जाता है।
There is no ads to display, Please add some





Post Disclaimer
स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com