

रिपोर्ट सत्येन्द्र यादव
कुल्टी शहर के हनुमान चढ़ाई स्थित सेलिब्रेशन परिसर में बुधवार को पूर्णाहुति के साथ सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महापुराण का समापन हुआ। जहां अंतिम दिन भंडारा का आयोजन किया गया।

इस दौरान विदाई समारोह के समय काशी बनारस से आए श्रीमजगदगुरू रामानुज आचार्य मारुति किंकर महाराज ने सनातन धर्म के बारे में कहा कि यह एक ऐसा धर्म हैं। जिसमे जन्म लेने वाले लोग दुनिया के जिस किसी देश में जाते हैं तो उस मिट्टी को प्रणाम करते हैं। वे वहीं के हो जाते हैं और बिना भेदभाव के उस देश के विकास में लग जाते हैं। जिस कारण कई देशों में सनातनी बड़े उधोगपति और शीर्ष राजनीतिक स्तर पर विराजमान हैं। ऐसा सिर्फ सनातन धर्म में ही देखने को मिलता हैं। सनातनी कहीं बसते हैं तो उस क्षेत्र का विकास होता हैं और जिस देश में सनातनी नहीं हैं। उस देश का विकास तो दूर की बात हैं। वह देश आशांति के दलदल में फंस जाता हैं। जिसका उदाहरण कई देश में देखने को मिल रहा हैं। हमारे एक पड़ोसी देश, जिसे सनातनी ने स्वालंबी बनाया और आज वह देश सनातन मानने वालों पर अत्याचार कर रहा हैं और अपने अतीत को भूल गया हैं। स्थिति में अगर सुधार नहीं होता हैं तो यह देश स्वतः धरसाइ हो जायेगा या इस के कइ टुकड़े हो जाएंगे। अपने एक पड़ोसी देश से सबक लेना चाहिए। उन्होंने कहा व्यक्ति में संयम, परिवार में सुमति, समाज में सद्भाव और राष्ट्रीय में समृद्धि हो तो विश्व में शांति की स्थापना हो सकती हैं। उन्के सहयोगी प्रोफेसर डाक्टर सीतारमण पांडेय और श्रीकांत प्रसाद के नेतृत्व में भागवत संपन्न हुई।

आयोजक बालमुकुंद अग्रवाल के अलावा बराकर चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष शिवकुमार अग्रवाल, अर्जुन अग्रवाल, विजय जैन, सीताराम बर्णवाल, घनश्याम बंशल, नरेश जीवराजका, महेश जालान, प्रमोद भालोटिया, दीपक दुदानी, मुकेश मेहता, संजय अग्रवाल, कृष्णा दुदानी, दीपक शर्मा समेत शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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