

(सुजीत कुमार)
बिहार के सारण जिले में आर्केस्ट्रा समूहों में नाबालिग बच्चियों के शोषण और तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सूचना और नारायणी सेवा संस्थान की निशानदेही पर पुलिस ने न्यू आर्केस्ट्रा ग्रुप, शिव शक्ति आर्केस्ट्रा और मुस्कान आर्केस्ट्रा सहित कई जगहों पर छापेमारी कर 6 नाबालिग बच्चियों को मुक्त कराया। इन बच्चियों को दिल्ली, पश्चिम बंगाल और नेपाल से ट्रैफिकिंग के जरिए लाया गया था और उनसे जबरन अश्लील गानों पर डांस करवाया जाता था। विरोध करने पर उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था।
मुक्त कराई गई लड़कियों की उम्र 15 से 17 साल के बीच है। छापेमारी के दौरान आर्केस्ट्रा संचालक फरार हो गए, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है। सभी बच्चियों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, जहां उनकी काउंसलिंग और पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की गई है।

यह कार्रवाई पटना हाई कोर्ट के उस आदेश के बाद हुई है, जिसमें राज्य सरकार को आर्केस्ट्रा समूहों में ट्रैफिकिंग के जरिए लाई गई नाबालिग बच्चियों के शोषण और उत्पीड़न को रोकने के लिए नियमन और निगरानी के निर्देश दिए गए थे। कोर्ट ने सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है और बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए समन्वित कार्ययोजना की मांग की है।

सारण जिला आर्केस्ट्रा समूहों का हब माना जाता है, जहां देश के अन्य राज्यों और नेपाल से भी बच्चियों को बहला-फुसलाकर लाया जाता है। नारायणी सेवा संस्थान पिछले दो साल से ऐसे मामलों के खिलाफ अभियान चला रहा है और अब तक 180 से अधिक नाबालिग बच्चियों को शोषण से मुक्त कराया जा चुका है। प्रशासन ने आर्केस्ट्रा संचालकों और ट्रैफिकर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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