

सरायकेला: जिला समाहरणालय सभागार में उपायुक्त श्री नीतीश कुमार सिंह की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता समिति (DDWSM) की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में जल जीवन मिशन (JJM) और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) [SBM-G] योजनाओं की प्रगति, क्रियान्वयन की स्थिति और निर्माणाधीन कार्यों की गहन समीक्षा की गई।
बैठक में उप विकास आयुक्त सुश्री रीना हांसदा, कार्यपालक अभियंता (पेयजल एवं स्वच्छता), जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सिविल सर्जन सहित कई संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

हर घर जल और प्रमाणन पर मुख्य निर्देश

उपायुक्त ने JJM के तहत शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए कई कड़े निर्देश जारी किए:
शत-प्रतिशत कवरेज: JJM के अंतर्गत छूटे हुए सभी ग्राम पंचायतों के शत-प्रतिशत घरों को नल-जल योजना से तत्काल जोड़ा जाए।
दुरुस्तीकरण के बाद प्रमाणन: “हर घर जल” प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाए। प्रमाणन से पहले, जिन ग्राम पंचायतों में जलापूर्ति के कार्य अधूरे हैं या संरचनाएं क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें दुरुस्त और क्रियाशील बनाकर ही प्रमाणन कार्य संपन्न किया जाए।
गुणवत्ता और कार्रवाई: इन योजनाओं को जनस्वास्थ्य और जीवन-स्तर से जुड़ी अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए, उपायुक्त ने कार्य की गुणवत्ता और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि लापरवाही या निम्न गुणवत्ता का कार्य करने वाली कार्यान्वयन एजेंसियों के विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और निगरानी
SBM-G की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए, उपायुक्त ने निम्नलिखित कदम उठाने के निर्देश दिए:
जियो-टैगिंग और हस्तांतरण: सभी योजनाओं का जियो-टैगिंग शीघ्र पूरा कराया जाए। साथ ही, पूर्ण हो चुकी योजनाओं को संबंधित ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (VWSC) को विधिवत हस्तांतरित करने का निर्देश दिया गया।
मॉडल ग्राम: ग्राम पंचायतों को “मॉडल ग्राम” के रूप में विकसित करने और अधिकाधिक पंचायतों को तीन एवं पाँच स्टार रेटिंग श्रेणी में शामिल करने की दिशा में ठोस पहल की जाए।
सतत निगरानी: योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र परिवार तक पहुंचे, इसके लिए प्रगति की सतत निगरानी और फील्ड सत्यापन सुनिश्चित किया जाए।
जन-जागरूकता पर बल
उपायुक्त ने कहा कि ये योजनाएँ केवल विकास योजनाएँ नहीं हैं, बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य, सम्मान और जीवन-गुणवत्ता से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने जन-जागरूकता पर जोर देते हुए निर्देश दिया कि ग्राम स्तर पर सामुदायिक बैठकें, दीवार लेखन और अन्य प्रचार माध्यमों से जल संरक्षण एवं स्वच्छता के प्रति आमजन में जागरूकता लाई जाए।
अंत में, सभी संबंधित विभागों को योजनाओं के क्रियान्वयन में समन्वय, गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया, ताकि सरायकेला-खरसावाँ जिले को “शत-प्रतिशत हर घर जल एवं स्वच्छता संपन्न जिला” के रूप में स्थापित किया जा सके
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