
पंकज ठाकुर
बड़कागांव। वन कार्यालय में स्थाई रेंजर नहीं रहने के कारण बड़कागांव वन प्रक्षेत्र के जंगलों में अवैध खदान कुकुरमुत्ते की तरह संचालित है जिससे रोजाना लगभग 500 ट्रैक्टर अवैध कोयला खुदाई करके आसपास के जंगलों में संचालित अवैध हरकुपों में बेची जा रही है। अवैध कोयला के ढुलाई में सैकड़ो ट्रैक्टर लगे हुए हैं। जिससे सरकार को करोड़ों रुपया के राजस्व का नुकसान हो रहा है। बतादें की बड़कागांव वन प्रक्षेत्र में रेंजर छोटेलाल साव के तबादले के बाद पिछले लगभग दो-तीन सालों से प्रभार रेंजर के भरोसे बड़कागाँव वन प्रक्षेत्र चल रहा है। बड़कागांव में नियमित रेंजर नहीं रहने के कारण कोयला माफिया अवैध कोयला खदान खुदाई दिन दुगनी रात चौगुनी के तहत खदान संचालित करने में मस्त है।वहीं वन विभाग पूरी तरह पस्त है।तथा बडकागांव वन प्रक्षेत्र वनरक्षियों के भरोसे चल रहा है।

अवैध कोयला किस-किस हडकुप में खपाया जाता है:-

बड़कागांव वन प्रक्षेत्र में संचालित अवैध खदान का कोयला चानो में संचालित हड़कुप, खपिया संचालित अवैध यार्ड, मोतरा घाटी के ऊपर रहझर जंगल में अवैध संचालित दो यार्ड में, जोराकाठ में संचालित अवैद्य यार्ड तथा सिकरी राजा बागी मे एक हडकुप मे अवैध कोयला को खपाया जा रहा है।
बड़कागांव वन प्रक्षेत्र में कहां-कहां पर अवैध कोयला खदान संचालित है:-
बड़कागांव वन प्रक्षेत्र अंतर्गत रूध्दी जंगल, अंबा झरना, गोंदलपुरा,कोशी,राउतपारा,मल्डी,इंदिरा जंगल,बरवनिया जंगल,चानो, लुरूंगा तथा लोकुरा स्थित इत्यादि जगहों पर लगभग सैकड़ो की संख्या में अवैध कोयला खदान संचालित है।
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