
नवीनगर से संदीप कुमार की रिपोर्ट
नवीनगर बिहार विधानसभा चुनाव की राजनीति में नवीनगर विधानसभा सीट से एक बड़ा सियासी ड्रामा सामने आया है। यहां के दो बार के पूर्व विधायक और जदयू के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र कुमार सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ ही पार्टी से 50 से अधिक कार्यकर्ता भी अलग हो गए हैं, जिससे जदयू के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है।

बाहरी उम्मीदवार को टिकट मिलने से बगावत

वीरेंद्र कुमार सिंह, जो कभी नबीनगर में जदयू के प्रमुख चेहरे माने जाते थे, ने इस बार पार्टी के टिकट वितरण के फैसले को लेकर नाराजगी जाहिर की। नबीनगर से पार्टी ने चेतन आनंद (आनंद मोहन के पुत्र) को टिकट दिया, जो स्थानीय स्तर पर बाहरी प्रत्याशी माने जा रहे हैं। इस फैसले को लेकर वीरेंद्र सिंह और उनके समर्थकों में गहरी असंतोष की लहर है।
उन्होंने खुलकर कहा कि बाहरी उम्मीदवार को टिकट देकर स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है। यही कारण रहा कि उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया। इस बगावत से नबीनगर में जदयू की छवि और मजबूती पर सवाल उठने लगे हैं।
हार के बाद अपमानित महसूस, राजनीतिक हताशा ने बढ़ाई खींचतान
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, वीरेंद्र सिंह को 2020 के विधानसभा चुनाव में भी टिकट मिला था, लेकिन वे हार गए थे। तब भी जदयू ने उन्हें पार्टी में सम्मानजनक पद दिया था, लेकिन टिकट कटते ही उन्हें अपमानित महसूस हुआ।
स्थानीय पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह इस्तीफा नहीं बल्कि हताशा की प्रतिक्रिया है, जो पार्टी की चुनावी तैयारियों को कमजोर कर सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम वीरेंद्र सिंह के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है क्योंकि उन्होंने अपने समर्थकों के बीच भी भ्रम पैदा कर दिया है। इसके साथ ही जदयू की छवि को भी बड़ा नुकसान हो सकता है क्योंकि महागठबंधन के लिए यह एक मौका साबित होगा।
नबीनगर की राजनीति में अब चिंगारियां, भविष्य का अनुमान
नबीनगर की सियासत अब पूरी तरह से गरमा गई है। जदयू की अंदरूनी खींचतान ने क्षेत्रीय राजनीति में नई उठापटक शुरू कर दी है। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि वीरेंद्र सिंह अब किस दिशा में जाएंगे— क्या वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या किसी अन्य गठबंधन के साथ जुड़ेंगे?
विशेषज्ञों की राय है कि यदि वे किसी नए गठबंधन का हिस्सा बनते हैं तो नबीनगर में चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं। वहीं, जदयू को अपनी संगठनात्मक मजबूती पर ध्यान देना होगा ताकि आगामी चुनाव में इस तरह की टूट को रोक सके।
नबीनगर विधानसभा क्षेत्र की यह घटना बिहार विधानसभा चुनाव की राजनीति में एक बड़ी चुनौती के रूप में उभर कर सामने आई है। वीरेंद्र कुमार सिंह का इस्तीफा और उनके समर्थकों का साथ छोड़ना जदयू के लिए एक बड़ा झटका है, जो आगामी चुनाव की रणनीति पर असर डाल सकता है।
इस पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाओं और नबीनगर के आगामी राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखी जाएगी।
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