
संवाददाता अंतर्कथा केरेडारी बालमुकुंद दास
झारखंड के विभिन्न जिलों के हज़ारों छात्र-छात्राओं को अब तक e-Kalyan छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिली है।

राज्य सरकार द्वारा हर वर्ष अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली यह छात्रवृत्ति शिक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

लेकिन इस बार छात्रों को लंबे समय से भुगतान का इंतज़ार करना पड़ रहा है।
कई छात्रों ने समय पर आवेदन कर सभी आवश्यक दस्तावेज़ पोर्टल पर अपलोड किए, फिर भी अब तक उनके खातों में पैसा नहीं पहुंचा है।
e-Kalyan पोर्टल पर आवेदन की स्थिति लगातार “Payment under process” दिखा रही है, जिससे छात्रों में भारी आक्रोश है।
भीम आर्मी के केरेडारी प्रखंड प्रवक्ता एम डी सदिक अंसारी ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए कहा कि गरीब और पिछड़े वर्ग के छात्र इसी छात्रवृत्ति की मदद से अपनी पढ़ाई जारी रखते हैं।
उन्होंने कहा, “सरकार जब समय पर स्कॉलरशिप नहीं देती, तो यह सीधे तौर पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
यह छात्रवृत्ति गरीब परिवारों के लिए आशा की किरण होती है, और महीनों से राशि रुकी होने से छात्रों की पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया है।”
एम डी सदिक अंसारी ने आगे कहा कि कई छात्रों के घरों की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि वे किताबें या हॉस्टल फीस तक नहीं भर पा रहे हैं।
ऐसे में e-Kalyan की राशि न मिलना उनके लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी है। उन्होंने आगे कहा की सरकार अपना ईगो बस ख्याल रखते हुए मैया सम्मान की राशि समय पर दे रही…. खाते मे खटा- खट या जाते हैं..
झारखण्ड जैसे खनिज- सम्पदा सें परिपूर्ण राज्य के लिए यहदुर्भाग्य की बात हैं
उन्होंने कहा, “सरकार जब समय पर स्कॉलरशिप नहीं देती, तो यह सीधे तौर पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
यह छात्रवृत्ति गरीब परिवारों के लिए आशा की किरण होती है, और महीनों से राशि रुकी होने से छात्रों की पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया है।”एम डी
सदीक अंसारी ने आगे कहा कि कई छात्रों के घरों की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि वे किताबें या हॉस्टल फीस तक नहीं भर पा रहे हैं।
ऐसे में e-Kalyan की राशि न मिलना उनके लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी है।
उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि छात्रवृत्ति भुगतान में देरी के कारणों को सार्वजनिक किया जाए और जल्द से जल्द राशि छात्रों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाए।
भीम आर्मी ने यह भी कहा है कि यह केवल छात्रों का आर्थिक मुद्दा नहीं बल्कि शैक्षणिक न्याय का सवाल है।
झारखंड जैसे राज्य में जहाँ बड़ी संख्या में विद्यार्थी ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं, वहाँ छात्रवृत्ति योजनाएँ उनके भविष्य की रीढ़ हैं।
सरकार यदि इस व्यवस्था में पारदर्शिता और त्वरित प्रक्रिया नहीं अपनाती, तो इसका सीधा असर शिक्षा के स्तर पर पड़ेगा।
एम डी सदिक अंसारी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार जल्द कार्रवाई नहीं करती हैं तो भीम आर्मी को मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि भीम आर्मी छात्रों की आवाज़ को दबने नहीं देगी और लोकतांत्रिक तरीके से इस विषय को हर मंच पर उठाएगी।
अंत में एम डी सदिक अंसारी ने सरकार से अपील करते हुए कहा —
“हम उम्मीद करते हैं कि झारखंड सरकार छात्रों की परेशानियों को गंभीरता से लेगी और उनके खातों में छात्रवृत्ति की राशि शीघ्र भेजेगी।
e-Kalyan जैसी योजनाएँ तभी सार्थक होंगी जब उनका लाभ समय पर छात्रों को मिल सके।”
– एम डी सदिक अंसारी प्रवक्ता भीम आर्मी प्रखण्ड केरेडारी प्रखण्ड अध्यक्ष पप्पु दास ने नाराजगी व्यक्त की है!
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