

बलियापुर,: झारखंड के धनबाद जिले के बलियापुर प्रखंड स्थित दुधिया पंचायत के बेड़ा नियामतपुर गांव में भीषण जल संकट को लेकर ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया है। पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीणों ने आज पीएचईडी (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग) के खिलाफ जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। खाली बर्तन लेकर सड़क पर उतरे ग्रामीणों ने विभाग पर निष्क्रियता और लापरवाही का आरोप लगाते हुए अविलंब जल आपूर्ति बहाल करने की मांग की।
बेड़ा नियामतपुर गांव, जिसकी आबादी डेढ़ हजार से भी अधिक है, इस भीषण गर्मी में बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की महत्वाकांक्षी नल-जल योजना का लाभ अभी तक उनके गांव को नहीं मिला है। गांव में पानी की पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू तो किया गया है, लेकिन कई जगहों पर यह अधूरा पड़ा है। एक साल पहले नल-जल योजना के तहत टेस्टिंग भी की गई थी, लेकिन टेस्टिंग के दौरान भी गांव तक पानी नहीं पहुंचा।

ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय पंचायत के मुखिया उत्तम चौबे ने इस गंभीर समस्या को लेकर कई बार पीएचईडी विभाग को पत्राचार किया है, लेकिन उनकी अपील और गांव की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। नतीजा यह है कि आज भी गांव के लोग पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

समस्या केवल नल-जल योजना तक ही सीमित नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार, गांव में लगा सोलर पानी टंकी भी पिछले तीन साल से खराब पड़ा है। इस वजह से गांव के लोग केवल दो चालू चापाकलों पर निर्भर हैं। इतनी बड़ी आबादी के लिए सिर्फ दो चापाकल पर्याप्त नहीं हैं, खासकर गर्मी के मौसम में जब पानी की खपत बढ़ जाती है। इन दो चापाकलों पर पानी भरने के लिए लंबी कतारें लगती हैं, और कई बार घंटों इंतजार के बाद भी लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता।
ग्रामीणों ने बताया कि जल संकट के कारण उन्हें दैनिक जीवन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पीने, खाना बनाने और नहाने-धोने जैसे मूलभूत कार्यों के लिए भी उन्हें दूर से पानी लाना पड़ रहा है, जिससे उनका समय और ऊर्जा दोनों बर्बाद हो रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है, क्योंकि उन्हें पानी लाने के लिए स्कूल छोड़ना पड़ता है।
आज के प्रदर्शन में नसीम खान, सलीम खान, बाबर खान, अबूल शेख, इस्तेखार खान, अमीर, नियाज, इजहार, वाजिद खान, इम्तियाज, तमजीद, उमर, सगीर, अनवर, नईम, मुख्तार खान, नौशाद खान सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल थे। सभी ने एक स्वर में पीएचईडी विभाग से जल्द से जल्द नल-जल योजना को पूरा करने, खराब पड़े सोलर पानी टंकी को ठीक कराने और गांव में पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र ध्यान नहीं दिया गया, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
यह स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं और सरकारी विभागों की उदासीनता को उजागर करती है। बेड़ा नियामतपुर के ग्रामीणों की यह समस्या केवल एक गांव की नहीं, बल्कि देश के कई हिस्सों में व्याप्त जल संकट की एक बानगी है, जहां सरकारी योजनाएं कागजों पर तो हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर उनका लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है। अब देखना यह है कि पीएचईडी विभाग ग्रामीणों की इस पुकार को सुनता है या नहीं, और बेड़ा नियामतपुर के लोगों को कब तक बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ेगा।
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