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कल 6 अक्टूबर को है शरद पूर्णिमा, भद्रा और पंचक के साये में होगी माता लक्ष्मी की कोजागरी पूजा

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Oct 5, 2025

 

धनबाद: आश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पड़ने वाली शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस बार यह पर्व 6 अक्टूबर 2025, सोमवार को मनाया जाएगा। यह दिन माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा और आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

 

इस बार पूर्णिमा पर शुभ संयोग के साथ ही भद्रा और पंचक का साया भी रहेगा। चूंकि कोजागरी पूर्णिमा के लिए रात्रि व्यापिनी पूर्णिमा आवश्यक है, इसलिए व्रत और माता लक्ष्मी की आराधना 6 अक्टूबर की रात में की जाएगी।

 

व्रत, स्नान और अशुभ काल

व्रत और पूजा: 6 अक्टूबर को पूर्णिमा तिथि का आरंभ दिन में 11:24 बजे से होगा। माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा रात में की जाएगी, क्योंकि मान्यता है कि इस रात मां लक्ष्मी धरती पर आकर भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।

 

स्नान और दान: स्नान-दान की पूर्णिमा, पाराशर जयंती और वाल्मीकि जयंती 7 अक्टूबर, मंगलवार को मनाई जाएगी।

 

भद्रा और पंचक: 6 अक्टूबर को भद्रा का प्रारंभ दोपहर 12:23 बजे से होगा और यह रात 10:53 बजे तक रहेगी। हालांकि पूर्णिमा में भद्रा का विचार नहीं होता, फिर भी शुभ कार्य करने से बचें। इसके अलावा, चोर पंचक (3 अक्टूबर से 8 अक्टूबर) का प्रभाव भी इस दिन रहेगा।


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