

बोकारो थर्मल
बोकारो थर्मल पावर स्टेशन बीटीपीएस झारखंड देश की औद्योगिक सुरक्षा को और मज़बूती देने तथा आर्थिक विकास को एक सुरक्षित आधार प्रदान करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सीआईएसएफ की अधिकृत संख्या को मौजूदा 1,62,000 से बढ़ाकर 2,20,000 करने की मंज़ूरी दे दी है। इस संबंध में जानकारी देते हुए सीआईएसएफ बीटीपीएस के इकाई प्रभारी अरुण प्रसाद ई. ने बताया कि जैसे जैसे देश की अर्थव्यवस्था प्रगति की नई ऊँचाइयों को छू रही है, औद्योगिक और राष्ट्रीय संपत्तियों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ की भूमिका और अधिक व्यापक होती जा रही है। यह विस्तार देश के विमानन, बंदरगाह, ताप और जल विद्युत संयंत्रों, परमाणु प्रतिष्ठानों तथा जम्मू-कश्मीर स्थित जेलों जैसे संवेदनशील और रणनीतिक क्षेत्रों में सीआईएसएफ की तैनाती को और अधिक सशक्त बनाएगा।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में वामपंथी उग्रवाद में आई गिरावट के साथ ही नए औद्योगिक केंद्र उभर रहे हैं। जिन्हें प्रभावी सुरक्षा देने हेतु सीआईएसएफ की मज़बूत उपस्थिति अनिवार्य हो गई है। सीआईएसएफ बल की संख्या में यह वृद्धि न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर भी लेकर आ रही है। वर्ष दो हज़ार चौबीस में तेरह हज़ार दो सौ तीस नए कर्मियों की भर्ती की जा चुकी है तथा वर्ष दो हज़ार पच्चीस में चौबीस हज़ार अठ्ठानवे पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रगति पर है। अनुमान है कि आगामी पाँच वर्षों तक प्रत्येक वर्ष लगभग चौदह हज़ार जवान केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का हिस्सा बनेंगे।

श्री प्रसाद ने बताया कि इन भर्तियों से बल में युवा ऊर्जा का संचार होगा। जिससे सीआईएसएफ बल आने वाली चुनौतियों के लिए और अधिक सक्षम तथा तत्पर बनेगा। साथ ही महिलाओं की भागीदारी में भी उल्लेखनीय वृद्धि की अपेक्षा है, जिसे सीआईएसएफ बल की समावेशी नीतियों का समर्थन प्राप्त है। यह विस्तार एक नई बटालियन के गठन का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। जो आंतरिक सुरक्षा और आपात स्थिति में त्वरित तैनाती जैसे दायित्वों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
बीते वर्ष केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने अपने सुरक्षा तंत्र के अंतर्गत सात नई इकाइयों की स्थापना की है। जिनमें संसद भवन परिसर, अयोध्या हवाई अड्डा, हज़ारीबाग स्थित कोयला खदान परियोजना, पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, बक्सर और एटा स्थित ताप विद्युत परियोजनाएँ तथा मंडी की ब्यास सतलुज लिंक परियोजना सम्मिलित हैं। साथ ही संसद भवन परिसर तथा एटा परियोजना में अग्निशमन की दो नई इकाइयाँ भी स्थापित की गई हैं।
इस संबंध में अरुण प्रसाद ई. ने कहा कि यह विस्तार देश की आर्थिक, बुनियादी और रणनीतिक संरचनाओं की सुरक्षा को और अधिक मज़बूती प्रदान करेगा। सीआईएसएफ बल की यह बढ़ती भूमिका यह दर्शाती है कि भारत सरकार बदलते सुरक्षा परिदृश्य के अनुरूप सीआईएसएफ की क्षमताओं को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह हम सभी के लिए गर्व और उत्साह की बात है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल देश की विकास यात्रा में एक सशक्त, सतर्क और समर्पित प्रहरी की भूमिका निभा रहा है।
There is no ads to display, Please add some





Post Disclaimer
स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com