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आस्था और श्रद्धा के साथ महा छठ पर्व हुआ सम्पन्न

Byadmin

Oct 28, 2025

 

 

संवाददाता अंतर्कथा केरेडारी बालमुकुंद दास

केरेडारी प्रखण्ड: तीसरे दिन सोमवार को ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया गया छठ व्रतियों ने विधि विधान से पूजा की, छठ पूजा के दौरान महिलाएं 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं !

व्रत रहते हुए छठ का प्रसाद तैयार करती हैं, और तीसरे दिन पानी में खड़े होकर डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देती है , हर साल कार्तिक माह के शुल्क पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाए खाए से छठ पूजा आरंभ होती है, इस दौरान वर्ती सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं! नहाए खाए के साथ ही छठ पर्व धार्मिक परम्परा की शुरुआत होती है,जो चार दिनों तक चलती है, और ऊषा अर्घ्य अर्पित करने के साथ समाप्त होती है! छठ पूजा शनिवार को नहाए खाए के साथ प्रारंभ हुई!

जिससे व्रत की पवित्र शुरुआत होती है, सूर्य उपासना को समर्पित यह 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर सम्पन्न हुआ!

छठ पूजा सूर्य देव भगवान भास्कर और उनकी बहन छठी मईया (ऊषा देवी) की उपासना के लिए की जाती है! सूर्य जीवन उर्जा और स्वास्थ्य के प्रतीक हैं! जबकि छठी मईया संतान स्मृद्धि और कल्याण की देवी मानी जाती हैं, मान्यतानुसार छठ पूजा करने से संतान दिर्घायु सूखी जीवन का आशिर्वाद मिलता है कई महिलाओं ने छठ पूजा की व्रत रखती है, छत पर्व मुख्य रूप से झारखंड बिहार उत्तरप्रदेश समेत कई हिस्सों में बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है


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