
नवीनगर से संदीप कुमार की रिपोर्ट
नवीनगर नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड संख्या दो में स्थित उर्दू मध्य विद्यालय परसिया इन दिनों शिक्षकों और आधारभूत संरचना की कमी से जूझ रहा है। सीमित संसाधनों के बीच विद्यालय प्रबंधन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का निरंतर प्रयास कर रहा है, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में सुविधाओं का अभाव एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।विद्यालय के प्रधानाध्यापक ओम प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि विद्यालय में कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। वर्तमान में विद्यालय में कुल 269 छात्र नामांकित हैं, जबकि प्रधानाध्यापक सहित मात्र चार शिक्षक ही पदस्थापित हैं। विषयवार शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है और शिक्षकों को एक से अधिक कक्षाओं एवं विषयों का दायित्व संभालना पड़ रहा है।

भवन व्यवस्था की बात करें तो कार्यालय कक्ष और रसोई (किचन) को छोड़कर कक्षा संचालन के लिए विद्यालय में केवल पांच कमरे उपलब्ध हैं। कमरों की कमी के कारण कई कक्षाओं का संचालन एक साथ या सीमित स्थान में करना पड़ता है। हालांकि राहत की बात यह है कि विभाग द्वारा तीन अतिरिक्त कमरों का निर्माण कराया जा रहा है, जो फिलहाल निर्माणाधीन हैं।

इनके पूर्ण हो जाने के बाद कक्षा संचालन में कुछ हद तक सुविधा मिलने की उम्मीद है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि बदलते समय के अनुसार विद्यालय में कंप्यूटर शिक्षा, आईसीटी लैब और स्मार्ट क्लास की नितांत आवश्यकता है, ताकि बच्चों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ा जा सके। इसके साथ ही खेल सामग्री की भी कमी है। उन्होंने कहा कि खेल-कूद से बच्चों का न केवल शारीरिक विकास होता है, बल्कि मानसिक और बौद्धिक विकास भी बेहतर होता है।
विद्यालय में मध्याह्न भोजन की व्यवस्था एनजीओ के माध्यम से की जा रही है, जिससे बच्चों को नियमित रूप से भोजन मिल रहा है। पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध है और वर्तमान में दो शौचालय हैं, लेकिन छात्रों की संख्या को देखते हुए कम से कम दो और शौचालयों की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
सुरक्षा की दृष्टि से विद्यालय में चहारदीवारी का अभाव भी एक गंभीर समस्या है। विद्यालय परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चारदीवारी का निर्माण आवश्यक बताया गया है।
हालांकि विद्यालय की साफ-सफाई व्यवस्था संतोषजनक है और इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुल मिलाकर, उर्दू मध्य विद्यालय परसिया सीमित संसाधनों और सुविधाओं के बावजूद विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देने का प्रयास कर रहा है।
यदि शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जाए और आधारभूत सुविधाओं का विस्तार किया जाए, तो यह विद्यालय क्षेत्र के बच्चों के लिए शिक्षा का एक सशक्त केंद्र बन सकता है।
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