

औरंगाबाद से अविनाश कुमार की रिपोर्ट
औरंगाबाद।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष राज कुमार ने आगामी दिसम्बर माह में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों को लेकर जिला अभियोजन पदाधिकारी, सहायक अभियोजन पदाधिकारी एवं अनुमंडलीय अभियोजन पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि “राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलहनीय वादों का निस्तारण कराना अभियोजन का भी दायित्व है। इसके लिए अभी से हर संभव प्रयास किया जाना आवश्यक है।”

बैठक में जिला अभियोजन पदाधिकारी दीपक कुमार सिन्हा सहित सभी सहायक अभियोजन पदाधिकारी उपस्थित रहे। इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव तान्या पटेल भी मौजूद थीं।
जिला जज ने कहा कि ऐसे सभी वाद, जिनमें पक्षकारों के बीच सुलहनामा हो चुका है लेकिन आरोप-पत्र दाखिल नहीं हुआ है, उन्हें विशेष रूप से चिह्नित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि संबंधित अनुसंधानकर्ता अथवा थानाध्यक्ष को आरोप-पत्र दाखिल करने के लिए निर्देशित किया जाए ताकि आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में इन वादों का निस्तारण संभव हो सके।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि “सभी अभियोजन पदाधिकारी अपने स्तर से गंभीरता से पहल करें। जितना प्रयास अभी से किया जाएगा, उतना ही अधिक संख्या में सुलहनीय वादों का निस्तारण संभव हो सकेगा।”
बैठक में मौजूद अभियोजन अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करेंगे और अधिक से अधिक सुलहनीय मामलों को चिन्हित कर आरोप-पत्र दाखिल कराने की प्रक्रिया प्रारंभ करेंगे। अधिकारियों ने विश्वास जताया कि इस बार औरंगाबाद जिला राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलहनीय वादों के निस्तारण का नया रिकॉर्ड बनाएगा।
There is no ads to display, Please add some





Post Disclaimer
स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com