

कवि परिचय
नाम – राजीव कुमार झा
पिता का नाम – अवध किशोर झा
माता का नाम – कौशल्या देवी
पता – इंदुपुर , पोस्ट – बड़हिया
जिला – लखीसराय (बिहार)
पिन कोड- 811302
सम्प्रति (कार्य पद) – शिक्षक
मो . न . 6207233401
ई मेल rajeevkumarjha294@gmail
कविताएं
1
नया दिन
नये साल का सपना .
बेहद पुराने दिन का
कोई आया …!

तुमने कितने दिनों के बाद .
आज सुबह में गीत गाकर

सुनाया …!
अरी सुंदरी-
आज मन में उल्लास छाया
प्रकृति ने शीत भरी हरीतिमा में .
सबसे सुंदर घर बसाया!
सरसो के पीले फूलों की
चादर नयी है
आज नदी गर्म झरने से मिलने .
किसी पहाड़ के नीचे गयी है !
धरती हर तरफ खुशियाँ लुटाती .
दोपहर के बाग में तुम .
आज मुझे बाहर बुलाती !
सबसे प्यारा दिन लौटकर
फिर आया !
.
धूप में नदी के किनारे .
आज किसने सबसे पुराना गीत गाया!
अकेली किसी राह में कल .
तुमसे तुमसे बातें करना खूब भाया !
2
जाड़े के बगीचे में
जाड़े के बगीचे में मन की
कुछ बातें !
अकेला होता मन खुद से
बातें करता .
जब तन के पोर पोर में
समा जाता .
उसी वक्त तेज हवा चलती .
शांत हवा खिड़कियों के पास आकर बहती .
ओ चांदनी !
तुम किस दिन जंगल में अकेली विचरती !
कितनी ठंड में एक नदी कुहासे से निकलती .
पहाड़ों पर बर्फ गर्मियों में
जब फिसलती .
मन की तराईयों में हवा
सुबह सिहरती !
मौसम उदास हो रहा है .
खेतों में शाम का सन्नाटा फैला है !
3
शीत से भरा मन
शीत से भरा मन .
दूर खो गये कहीं .
फूलों से भरे उपवन .
थोड़ी धूप आयी .
दोपहर का गगन .
कितने सुंदर सपन .
अरी सुंदरी !
ओ अगन,जीने का जतन
There is no ads to display, Please add some





Post Disclaimer
स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com