

औरंगाबाद से अविनाश कुमार की रिपोर्ट
औरंगाबाद।
अति पिछड़ा अधिकार मंच के बैनर तले शुक्रवार को औरंगाबाद में गांधी मैदान से नगर भवन तक अतिपिछड़ा अधिकार महारैली का भव्य आयोजन किया गया। इस रैली का नेतृत्व कुटुंबा प्रखंड प्रमुख एवं नबीनगर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी धर्मेंद्र कुमार चंद्रवंशी ने किया।

नगर भवन में आयोजित सम्मेलन की अध्यक्षता धर्मेंद्र चंद्रवंशी तथा संचालन बबन प्रजापति ने किया। इस मौके पर पहली बार जिले के विभिन्न अति पिछड़ा वर्ग के समाज एक मंच पर नज़र आए और राजनीतिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की मांग को लेकर हुंकार भरी।

सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि अति पिछड़ा समाज 38 प्रतिशत आबादी के साथ जिले की सबसे बड़ी ताक़त है, लेकिन अब तक राजनीतिक प्रतिनिधित्व से वंचित रखा गया है। रैली के दौरान वक्ताओं ने साफ चेतावनी दी कि “टिकट नहीं तो वोट नहीं” के फ़ॉर्मूले पर आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में आंदोलन किया जाएगा।
सम्मेलन में अति पिछड़ा समाज ने 5 प्रमुख मांगें रखीं –
1. आबादी के अनुपात में राजनीतिक भागीदारी।
2. केंद्रीय अति पिछड़ा आयोग का गठन।
3. विधानसभा एवं लोकसभा में सीट आरक्षण।
4. सरकारी व निजी क्षेत्रों में आरक्षण सुनिश्चित करना।
5. औरंगाबाद जिले से विधानसभा चुनाव में टिकट दिया जाना।
सभा में धर्मेंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि औरंगाबाद की छह विधानसभा सीटों में अब तक अति पिछड़ा समाज को उपेक्षित रखा गया है, जबकि यह समाज डेढ़ लाख से अधिक वोटों के साथ सत्ता बनाने और हटाने की क्षमता रखता है।
इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार चंद्रवंशी के साथ बिनोद ठाकुर, राजेश गुप्ता, दिनेश पाल, गया प्रजापति, सुरेंद्र प्रसाद, राजदेव पाल, सुरेंद्र चौरसिया, राजरूप पाल, जितेंद्र जोशी, उपेंद्र चंद्रवंशी, अजीत ठाकुर, दिलीप गुप्ता, जिला पार्षद प्रतिनिधि ओम प्रकाश गुप्ता, मोहम्मद रमजान, शारदा शर्मा, राजेश शर्मा, जगदीश चौधरी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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