

पत्रकार चंचल गोस्वामी
असर्फी हॉस्पिटल, धनबाद के नवजात शिशु विभाग (NICU) में हाल ही में एक ऐसी घटना घटी, जिसने यह साबित कर दिया कि जीवन शक्ति और विश्वास सबसे बड़ी ताक़त हैं।

एक अत्यधिक प्री-टर्म शिशु, जिसे बाहर से गंभीर श्वसन कष्ट की स्थिति में लाया गया था, ने यहाँ के विशेषज्ञ डॉक्टरों, नर्सों और स्टाफ़ की मेहनत तथा अपनी अदम्य इच्छाशक्ति से 26 दिनों की लंबी और कठिन लड़ाई जीतकर घर वापसी की।

जन्म के तुरंत बाद बच्चे को गंभीर स्थिति में इंटुबेट किया गया और टोटल पेरेंट्रल न्यूट्रिशन शुरू किया गया। बच्चे को दो खुराक सर्फैक्टेंट दी गईं और रक्त घटकों की आवश्यकता पड़ी।
इलाज के दौरान बच्चे को गंभीर पल्मोनरी हाइपरटेंशन हुआ।
पाँचवें दिन दाएँ तरफ़ न्यूमोथोरैक्स होने पर आईसीडी डालनी पड़ी और सातवें दिन बाएँ तरफ़ भी न्यूमोथोरैक्स होने पर दूसरी आईसीडी लगानी पड़ी। आठवें दिन एक्सट्यूबेशन का प्रयास विफल रहा और बच्चे को तीसरी आईसीडी डालनी पड़ी। यह समय अत्यंत गंभीर था, क्योंकि एक ओर वेंटिलेटरी सपोर्ट की आवश्यकता थी और दूसरी ओर फेफड़ों से हवा का रिसाव हो रहा था।
इसके बावजूद इस नन्हें योद्धा ने हार नहीं मानी और धीरे-धीरे स्थिति पर विजय प्राप्त की।
26वें दिन जब यह बच्चा अपने गर्वित माता-पिता के साथ असर्फी हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुआ, तो यह केवल एक इलाज की सफलता नहीं थी, बल्कि विश्वास, टीमवर्क और संघर्ष पर विजय की प्रेरणादायी कहानी बन गई। इस कठिन यात्रा को संभव बनाने में डॉ. किशोर गांधी और उनकी पूरी टीम का योगदान अविस्मरणीय रहा।
बच्चे के माता-पिता और परिजनों ने जिस प्रकार पूर्ण विश्वास हमारी टीम पर रखा, वह इस सफलता की सबसे बड़ी नींव रहा। असर्फी हॉस्पिटल लिमिटेड, धनबाद के प्रबंधन को भी धन्यवाद, जिनके सहयोग और मार्गदर्शन से यह उपलब्धि संभव हो सकी।
डॉ. किशोर गांधी, एचओडी एवं सीनियर कंसल्टेंट, पीडियाट्रिक्स और नियोनैटोलॉजी, असर्फी हॉस्पिटल लिमिटेड, ने कहा:
“यह मामला हमारे लिए केवल एक चिकित्सीय चुनौती नहीं था, बल्कि जीवन के लिए संघर्ष का प्रतीक भी था।
इतने गंभीर हालात में भी इस नन्हें शिशु ने जिस तरह जिजीविषा दिखाई, वह हम सभी के लिए प्रेरणा है। हमारी पूरी टीम ने दिन-रात मेहनत की और यह सफलता टीमवर्क, धैर्य और आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का परिणाम है।
यह उपलब्धि असर्फी हॉस्पिटल की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसके तहत हम हर शिशु को जीवन की बेहतर शुरुआत देने का प्रयास करते हैं।”
यह सफलता हम सभी को एक बड़ा सबक सिखाती है – लड़ते रहो, जब तक जीत न मिल जाए।
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